Sunday, December 19, 2010

मृत्यू चक्र

शाम सबेरे के बंधन से कहो कौन बच पाता हैं 
शाम सबेरे के रिश्तो मैं प्रकृति मनुज का नाता हैं 
मैं कल था मैं आज नही वो कल था वो आज नही 
नव जीवन का नवंकुर भी मृत्यू चक्र से आता हैं 

1 comment:

  1. ise main rachna nahi ek reality kahungi.
    नव जीवन का नवंकुर भी मृत्यू चक्र से आता हैं
    is pankti ne man moh liya

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