Friday, April 22, 2016

यूं तो दुनियां में कोई शख़्श,  मुकम्मल नहीं होता ! 
दर्द भी रुक रुक के होता हैं, मुसलसल नहीं होता !!

अज़नबी से इन चेहरों का, यक़ीन कर लिया हमने ! 
कुछ मसलहात ही ऐसे हैं, जिनका हल नहीं होता !! 

No comments:

Post a Comment