Thursday, September 1, 2016

एक कविता...चेहरों वाली किताब पर...हलके फुल्के अंदाज की ...

 
...सुनो,
'लोनली' सा हो गया हैं
..कई दिनों से मेरा 'इनबॉक्स'
तुम्हारे मैसेज की 'ग्रीन लाइट'
....'ब्लिन्क' नहीं होती अब
..यूं भी तुम
'टर्नऑफ' मोड पर रहते हो
...हमेशा "अनअवैलेबल'
मगर जानता हूँ
..ओंनलाइन होते हो जब
पता चल ही जाता हैं
...साइडबार में
तुम्हारे 'लाइक्स' और 'शेयर्स'
....'स्क्रोल' होते हैं जब..!
तुमने,, मेरे लिए भले ही
'नोटीफिकेशंस' 'ऑफ़' कर रक्खा हैं
..पर आभास हो जाता हैं ..जब
चेंज कर लेते हो तुम 'डीपी'
...या कोई नयी 'पोस्ट'
लो फिर चेंज कर ली हैं
...तुमने 'डीपी" अपनी
अब तुम्ही कहो की कैसे बताऊ
...की ये 'रोज़' वाली 'पिक'
मत लगाया करो 'रोज़' 'रोज़' !
...मुझे पता हैं
अब तुम मेरे 'लाइक्स' का
...'वेट' नहीं करते
मेरे 'कमेंट्स'
...'डिलीट' करने लगे हो तुम
ग्रुप फोटोज पे तुम्हारा
"फीलिंग क्रेजी विद लवली फ्रेंड्स "
..वाला कमेंट्स ..
सिर्फ मुझे 'टीज़' करने के लिए हैं न
...ओह 'डियर'..
'इग्नोरेंस' की भी, कोई तो हद होगी !
..पर मन
आज भी होता हैं दुखी
तुम्हारे 'स्टेटस अपडेट्स' पर
...जब 'फीलिंग सेड' होते हो
बदल लेता हूँ तब
...मैं अपना 'स्टेटस' भी
'फीलिंग' 'वैरी सेड' जैसा
..सच कहूं
बिलकुल 'सेम' सी 'फीलिंग' आती हैं तब !
सोचता हूँ
...'डिएक्टिवेट' कर लूं खुद को
ये चेहरों वाली किताब के पन्ने
...'ब्लर' से लगने लगे हैं,
कभी कभी
"'शायद आप इन्हें जानते हैं'"
....ये वाला मैसेज..
तुम्हारी 'वाल' पर भी तो आता होगा
...मेरी 'डीपी' आज भी वही हैं
..'स्टेटस' भी वही, इंतज़ार में
काश की एक बार तो मुझे,,
'सर्च' करते तुम
...निष्ठुर हो पर तुम,
देख के अनदेखा करना
...शगल हो गया हैं तुम्हारा !
oh god..ये attitude तुम्हारा..उफ्फ्फ़..
..लेकिन
यूं उम्मीद का दामन
अब भी नहीं छूटा हैं
...यकीन भी हैं
की लौटोगे किसी दिन
..तुम फिर से मेरी किसी पोस्ट पर
और फिर से जगमगाएगा
....मेरा 'इनबॉक्स'
मेरी 'वाल' पर लगेंगे फिर से
...तुम्हारी दोस्ती के 'पोस्टर'
रंग बिरंगे 'स्क्रेप्स' 'सेंड' करने की आदत
..हैं न अब भी तुममें..??!
..सुनो तो,,
एक बात पूछूं.. बुरा मत मानना...
...अभी तक
'ब्लाक' नहीं किया हैं न तुमने मुझे
क्यों भला !!??
मत बताओ..पता हैं वैसे मुझे !!
.....हरीश....

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