Thursday, September 1, 2016

मुझे छू ज़रा

मुझे छू ज़रा मेरा ज़िक्र कर, मुझे रोक कर के तू देख ले !
कहीं लौट के भी न आ सकूं, मुझे आँख भर के तू देख ले !!
बेज़ा ख़याल...
...हरीश...

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